Lt Gen Upendra Dwivedi
– फोटो : सोशल मीडिया
विस्तार
उत्तरी सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने शुक्रवार को कहा कि सीमा पार से भारत में आए कुछ आतंकवादी सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैनिक भी हैं। उनके अनुमान के मुताबिक, राजोरी और पुंछ के साथ लगते इलाकों में अभी भी 20 से 25 आतंकवादी सक्रिय हो सकते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी जम्मू में राजोरी मुठभेड़ के बलिदानियों को पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने ये बातें कहीं।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘हमने मुठभेड़ में अपने पांच बहादुर सैनिकों को खो दिया, लेकिन दो खूंखार आतंकवादियों को भी मार गिराया है। हमारे जवानों ने अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा की परवाह किए बिना देश की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।’
दो खूंखार आतंकवादियों के मारे जाने से आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र और पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा है। दोनों आतंकवादी ढांगरी, कंडी और राजोरी में निर्दोष नागरिकों की हत्या में शामिल थे। उनका खात्मा ऑपरेशन में शामिल संयुक्त बल टीम के लिए प्राथमिकता थी’।
#WATCH | Two AK-47 rifles, ten magazines and ammunition, clothes, medicines and other paraphernalia recovered from terrorists who were neutralised in the Bajimaal area of Kalkote in Rajouri in an encounter with security forces yesterday. pic.twitter.com/t3jwNI08G3
— ANI (@ANI) November 24, 2023
बखूबी प्रशिक्षित थे दोनों आतंकी, पाक और अफगान में ले रखी थी ट्रेनिंग
उत्तरी कमान प्रमुख ने कहा कि आतंकियों ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान सहित कई देशों में प्रशिक्षण प्राप्त किया होगा। वे बहुत अच्छी तरह से प्रशिक्षित थे। यही कारण है कि हमें उन्हें खत्म करने में कुछ समय लगा। हमारे जवान साहस के साथ लड़े। लांस नायक संजय बिष्ट ने उन्हें सात दिनों के भीतर खत्म करने का वादा किया था। बेंगलुरु में कैप्टन एमवी प्रांजल के पिता ने जिस तरह बताया कि परिवार उनसे आतंकियों के खात्मे की खबर सुनने का इंतजार कर रहा था। इसके बजाय उन्हें अपने बेटे की वीरगति को प्राप्त करने की खबर मिली। उनकी ये बातें हमारे सैनिकों को सभी बाधाओं के बावजूद अपने मुख्य कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने कहा कि चूंकि राजोरी और पुंछ राजमार्ग के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है इसलिए वहां अधिक आतंकवादियों के छिपे होने की बहुत अधिक संभावना है।