अशोकनगर। युगल सरकार मंदिर के प्रांगण में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे अंतर्राष्ट्रीय धर्माचार्य **जगतगुरु देवमुरारी बापू** ने कथा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वर्ग में भी जो सुख-साधन दुर्लभ होते हैं, वे कथा सुनने वाले भक्तों को सरलता से प्राप्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कथा सुनने के लिए समय निकालना चाहिए क्योंकि कथा का महत्व अनंत है। देवमुरारी बापू ने उदाहरण देते हुए कहा कि रावण की लंका की रक्षा करने वाली लंकानी ने भी क्षण भर के सत्संग को स्वर्ग से बड़ा बताया था। आज का मानव स्वर्ग प्राप्ति के लिए जप, तप, यज्ञ, दान आदि करता है, तब जाकर स्वर्ग की प्राप्ति होती है, लेकिन कथा सुनने वाला व्यक्ति वही फल इस धरती पर ही प्राप्त कर लेता है। बापू ने कहा कि कथा हमारे जीवन में क्रांति लाती है। जब हम कथा सुनेंगे, तभी अपनी भारतीय संस्कृति की पहचान कर सकेंगे। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के प्रयास हो रहे हैं, इसलिए हमें अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए स्वयं आगे आना होगा।
**प्रयागराज हाईकोर्ट के विवादित फैसले पर जताई नाराजगी** देवमुरारी बापू ने हाल ही में प्रयागराज हाईकोर्ट के एक फैसले पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। फैसले में कहा गया था कि किसी लड़की के वक्ष स्थल के बटन खोलना या गुप्त अंग के पजामे का नाड़ा तोड़ना बलात्कार के प्रयास की श्रेणी में नहीं आता। इस पर आपत्ति जताते हुए बापू ने कहा कि ऐसे फैसले भारतीय संस्कृति के विनाश की ओर ले जा सकते हैं और इससे पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति की रक्षा के लिए न्यायपालिका से ज्यादा हमें खुद को आगे आना होगा।
**राम कथा का आह्वान** बापू ने कथा प्रेमियों से आगामी **चैत्र नवरात्रि** एवं **राम जन्म उत्सव** के उपलक्ष्य में **30 तारीख** से शुरू होने वाली **सात दिवसीय श्रीराम कथा** में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कथा सुनने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है और भारतीय संस्कृति की रक्षा संभव है।
